कब सम्मान करना सीखेंगे जनादेश
डॉ.बचन सिंह सिकरवार हाल में त्रिपुरा में हुए विधानसभा चुनाव गत पच्चीस सालों से सत्तारूढ़ वाममोर्चा सरकार की पराजय और फर्श से अर्श पर पहुँची भाजपा अपनी इस अपार सफलता को पचा नहीं आ रही है। उसकी परिणति भाजपा समर्थकों द्वारा साम्यवादी नेता ब्लादिमीर इलीइच उल्यानोव लेनिन की प्रतिमा को बंुलडोजर से गिराने के साथ वामपन्थी पार्टी के कार्यालयाों और उसके समर्थकों के घरों पर हमलों के रूप में सामने आयी है।उसके बाद देश के अलग-अलग भागों में विभिन्न विचारधाराओं के महापुरुषों की मूर्तियों को तोड़े जाने का जो सिलसिला शुरू हुआ है,वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। वैसे इससे स्पष्ट है कि इन प्रतिमाओं को किसी एक राजनीतिक दल या विचारधारा के लोगों ने नहीं तोड़ा है, बल्कि बदले की कार्रवाई के तहत उन्होंने भी अपनी से भिन्न/विरोधी विचारधारा के महापुरुष की प्रतिमाओं को तोड़ने में संकोच नहीं दिखाया है। इन मूर्तियों को तोड़ने वालों के इस अनुचित कृत्य की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने निन्दा करते हुए ...