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सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा गुरुमीत राम रहीम लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कब छोड़ेंगे ऐसी अन्ध श्रद्धा?

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डॉ.बचन सिंह सिकरवार हाल में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा गुरुमीत राम रहीम को पंजकूल स्थित सी.बी.आई. न्यायालय द्वारा दो साध्वियों के साथ  बलात्कार में 20साल की साल कैद से दण्डित किये जाने पर उनके श्रद्धालुओं ने जिस तरह तोड़फोड़,आगजनी और  हिंसक  वारदातों को अंजाम दिया, वह बेहद शर्मनाक है। उनकी इस हिंसा में 41लोगों की जानें गई हैं और 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसके साथ ही करोड़ों रुपयों की सम्पति नष्ट होने के साथ-साथ कई राज्यों में स्कूल, कॉलेजों, बसों, रेलों के परिचलन को बन्द करना पड़ा। यह कुकृत्य भी उन लोगों द्वारा किया गया ,जो मानवता, अहिंसा, समता, समाज सेवा का पाठ पढ़ाते आए हैं। इससे पहले उनके कथित भक्तों द्वारा बाबा को सजा सुनाने पर हिन्दुस्तान को दुनिया के नक्शे से  मिटाने की धमकियाँ भी दी गईं। यहाँ प्रश्न यह है कि क्या कोई सन्त,महन्त या राजनेता देश या समाज और कानून से बढ़ कर है ?  क्या धर्म और राजनीति का चोला ओढ़ लेने से किसी को जघन्य से जघन्य अपराध करने की छूट मिल जानी चाहिए?क्या ऐसे लोगों के बड़ी संख्या में अनुयायी या समर्थक होने या चुनावी सफलता पाने ...