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किसे परवाह है वादी के हितो की ?

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  गत दिनों देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने मुख्य न्यायाधीशों और मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में देश की न्यायिक व्यवस्था, न्यायालयों की दशा, उसके कारण जेलों में बन्द विचाराधीन कैदियों, न्याय पाने की आशा में जी रहे लोगों आदि के बारे में जो बेबाक और मार्मिक टिप्पणियाँ की, वे सामयिक, अपरिहार्य, सच्ची होने के साथ-साथ सभी के लिए अत्यन्त विचारणीय और उपयोगी, आँखें खोल देने वाली हैं। उनके मर्मांतक कथन के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधी शों ने ग्री ष्म अवकाश में कार्य करने का अब जो निर्णय लिया है उसका स्वागतयोग्य और अन्य न्यायाधी शों के लिए अनुकरणीय है। जहाँ की दोनों में पीठों में 9 लाख मुकदमें विचाराधीन हैं, जबकि देशभर की अदालतों में 3 करोड़ मुकदमें लम्बित हैं। केवल सर्वोच्च न्यायालय में 1 मार्च, 2015 को 61,300 मुकदमें विचाराधीन थे। जहाँ तक न्यायाधीशों के रिक्त पदों का प्रश्न है तो वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय में 31के स्थान पर केवल 25 न्यायाधीश हैं। देश के सभी उच्च न्यायालयों में केवल 593 न्यायाधीश हैं।  साथ ही उन्होंने न्यायाधीशों की...