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कश्मीरी पण्डित लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

क्या यही कश्मीरियत है ?

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हाल में कश्मीरी पण्डितों को बसाने हेतु प्रस्तावित सैनिक कॉलोनी को लेकर श्रीनगर में हुर्रियत कान्फ्रेंस अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक की अगुवाई में श्रीनगर में उग्र प्रदर्शन में जुटी भारी भीड़ को देखकर कतई हैरानी नहीं हुई, जिसमें प्रदर्शनकारी गले फाड़-फाड़ कर भारत विरोधी नारों के साथ पाकिस्तानी और दुनिया के सबसे खूंखार दहशतगर्द संगठन 'आइ.एस.'के झण्डे लहरा रहे थे। उनकी इस बेजा हरकत से एक बार फिर साफ हो गया कि ये लोग न सिर्फ मुल्क विरोधी और पाकिस्तान और इस्लामिक स्टेट के हिमायती हैं, बल्कि वे  सभी किसी भी सूरत में कश्मीरी पण्डितों की घर वापसी नहीं  चाहते। हकीकत यह है कि दिखावे को जम्मू-कश्मीर की सभी सियासी पार्टियाँ कश्मीरियत या साझा संस्कृति की बातें जरूर करती हैं, यहाँ तक कि कश्मीरियत के माने महज पंथनिरपेक्षता ही नहीं, इन्सानियत भी बताती हैं, पर असल  में यह सब इनका फेरब है। क्या कभी किसी ने इनसे पूछा कि ये कौन-सी इन्सानियत और भाईचारा था ? जो किसी मुसलमान पड़ोसी ने सदियों से संग-संग रहते ही नहीं,एक के ही पुरखे  की औलाद होते भी जालिम इस्लामी कट्‌टरपन्थियों से...