अद्भुत अपूर्व अनुभूति है कुम्भ स्नान

राधेबाबू अपने देश के अलग-अलग क्षेत्रों में हरिद्वार, प्रयागराज(इलाहाबाद) में गंगा,उज्जैन में क्षिप्रा, नासिक में कावेरी पर हर छह वर्ष पश्चात् बारी-बारी से अर्द्ध कुम्भ तथा 12साल बाद पूर्ण कुम्भ लगता है, जिसमें स्नान कर पुण्य प्राप्त करने की अभिलाषा हर हिन्दू की होती है।कुम्भ के बारे में एक अत्यन्त महवपूर्ण पौराणिक कथा जुड़ी है जिसके अनुसार एक बार समुन्द्र मन्थन हुआ। इसमें सुर और असुर सम्मिलित थे।इस मन्थन में अनेक रत्न निकले। इसमें अमृत कलश भी निकला। इस पाने के लिए सुर और असुर में संघर्ष छिड़ गया। इस कलश से जहाँ-जहाँ अमृत छलक कर गिरा वहाँ-वहाँ वर्तमान में कुम्भ का आयोजन किया जाता है। हिन्दू होने के नाते मेरे मन में कुम्भ स्नान करने की सदैव से इच्छा रही है,लेकिन इसे पूरा करने का अवसर गत 15फरवरी, 2019 को आया। उस दिन प्रातः 6बजे मैं अपने कमला नगर, आगरा स्थित आवास से अपनी पत्नी सुमनदेवी, पुत्र हिमांशु उसकी पत्नी संचेता, नाति...