सार्वजनिक छुट्टियाँ घोषित करने की राजनीति

डॉ.बचन सिह सिकरवार वर्तमान में अपने देश के विभिन्न राजनीतिक दलों और जातिवादी/धार्मिक-मजहबी नेताओं में महापुरुषों के जन्म दिवस और पुण्य तिथि पर सार्वजनिक/सरकारी अवकाश घोषित कराने की होड़ लगी है वे हर जाति-वर्ग , सम्प्रदाय , मजहब के लोगों को खुश करने उनके ज्यादा से ज्यादा कथित महापुरुषों के नाम पर सरकारी छुट्टियाँ का ऐलान करना चाहते हैं , जबकि ये सभी अच्छी तरह से जानते है कि अपने देश में दुनिया के अधिकांश देशों से सबसे ज्यादा सरकारी छुट्टियाँ हैं। इससे आये दिन सरकारी कार्यालय तथा शिक्षण संस्थान बन्द रहते हैं। उनमें फाइलों के अम्बार लगे है। सालों-साल बाद भी मुकद्दमों का फैसला तो दूरा रहा , सुनवायी तक शुरू नहीं हो पाती। शिक्षण संस्थानों में भी पाठ्यक्रम पूरे नहीं हो पाते हैं। सरकारी कार्यालयों में काम न होने पर बगैर काम के सरकार को अपने कर्मचारियों को वेतन देना पड़ता। आर्थिक गतिविधियाँ ठप्प होने से देश को करोड़ों ...