संदेश

कन्हैया कुमार लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

राजनीतिक पतन की पराकष्ठा

चित्र
डॉ.बचन सिंह सिकरवार लोकतंत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों में सत्ता पाने की प्रतिस्पर्द्धा होना स्वाभाविक है और इसके लिए अपने प्रतिद्वन्द्वी दल के नीति-सिद्धान्तों, उसकी सरकार के कामकाज में कमियों-त्रुटियों की निन्दा और आलोचना करना कोई अपराध नहीं, लेकिन इसके लिए राष्ट्रीय हितों, उसकी स्वतंत्रता, एकता,अखण्डता पर ही आघात की अनुमति कोई भी राजनीतिक प्रणाली और किसी भी देश का संविधान नहीं देता। पर  अपने देश में अभिव्यक्ति या वैचारिक स्वतंत्रता की आड़ में राष्ट्रद्रोहियों को स्वातंत्र्य योद्धा सिद्ध करने की कोशिश की जा रही है,ताकि कैसे ही ऐसे तत्त्वों को निर्धन, शोषित, दमित-पीड़ित बता कर केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को हर हाल में बदनाम किया जा सके। इसी इरादे से गत दिनों काँग्रेस के सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर न केवल जे.एन.यू. गए, बल्कि वहाँ के भा ष ण देते हुए राष्ट्रद्रोह के आरोपी कन्हैया कुमार की तुलना शहीदे आजम भगतसिंह से कर आये, जो सर्वोच्च न्यायालय पर सशर्त छह माह की अन्तरिम जमानत पर हुआ है । शशि थरूर के शब्दों में भगत सिंह आज के जमाने के कन्हैयाकुमार हैं। भगत ...