हाँ, हमारे बाप का है पी.ओ.के.

डॉ.बचन सिंह सिकरवार '' पाकिस्तान एक हिस्सेदार है। वह जो कहते हैं पार्लियामेण्ट में कि जम्मू - कश्मीर जो हिस्सा पाकिस्तान के अन्दर है वह हमारा है , अरे ! क्या तुम्हारे बाप का है ? तुम्हारे पास यह ताकत नहीं , जो तुम उसे हासिल कर सको । पाकिस्तान में भी वह ताकत नहीं जो यह ले सके। हिन्दुस्तान को पाकिस्तान से एक दिन उससे बात करनी ही पडेग़ी। '' यह बयान किसी पाकिस्तान के हुक्मरान या फिर अलगाववाद हुर्रियत कान्फ्रेंस नेता का नहीं और न इस पाकिस्तान की धरती पर दिया है , यह चुनौती नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुखयमंत्री डॉ.फारूक अब्दुल्ला ने हिन्दुस्तान की जमीन पर है , जो कई बार यहाँ के मुखयमंत्री और केन्द्र में मंत्री में रहे चुके हैं। यही नहीं , उनके मरहूम वालिद शेख मुहम्मद अब्दुल्ला और बेटा उमर अब्दुल्ला भी इसी सूबे के मुख्यमंत्री रहे हैं। इन सभी भारतीय संविधान समेत जम्मू-कश्मीर के संविधान की भी शपथ ली है इन दोनों में पूरे जम्मू-कश्मीर को भारत का अविभाज्य अंग माना है। इनमें जहाँ भारतीय संविधान की मूल प्रति पर उनके वालिद द्रोख अब्दुल्ला के हस्ताक्षर है ...