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अमेरिका का चीन को सही जवाब

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  डॉ.बचन सिंह सिकरवार  अन्ततः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर चीन के घोर विरोध के बाद भी तिब्बत से सम्बन्धित विधेयक पर हस्ताक्षर करके उसे जता दिया, वह उसका पड़ोसी देश भारत और दुनिया कोई दूसरा मुल्क नहीं है, जो अपनी कुछ मजबूरियों की वजह से उसकी मनमानी को बर्दाश्त करते-रहते हैं। अमेरिका उसकी मनमानी  का जवाब उसके ही तौर-तरीकों से देने की सामर्थ्य रखता है, भले ही उसका कोई परिणाम निकले। इससे पहले अमेरिका और चीन के बीच कोरोबारी जंग जारी है जिसका इन दोनों देशों के कोरोबारी  ही नहीं, राजनयिक रिश्तों में भी खटास आयी है। अमेरिका चीन बहुत बड़ा आयातक देश है, इससे उसके निर्यात में बहुत कमी आयी है। अब तिब्बत से सम्बन्धित इस कानून के बनने के बाद अमेरिका  चीन के उन अधिकारियों को अपने यहाँ आने के लिए वीजा देने पर रोक लगा सकता है, जो उसके नागरिकों, सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों को बौद्धों के निर्वासित आध्यात्मिक धर्म गुरु दलाई लामा के गृह प्रान्त तिब्बत जाने की अनुमति नहीं देते हैं। तिब्बत से जुड़े इस विधेयक पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हस्ताक्षर किये जा...

असल खतरा मुल्क के गद्दारों से हैं

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डॉ.बचन सिंह सिकरवार  गत दिनों जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के केन्द्रीय अरक्षित पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) के काफिले पर आत्मघाती हमले में कोई 40 जवानों के मारे जाने तथा इतने घायल होने की  घटना से पूरा देश स्तब्ध और भारी गुस्से मे हैं और उसका तत्काल प्रतिकार भी लेना चाहता है।जनभावना को देखते हुए अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेना कोई भी कार्रवाई करने की छूट देने के साथ पाकिस्तान के साथ व्यापारिक सहूलियतों में कटौती कर दी है। वैसे इस घटना से एक बार फिर साबित हो गया,कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था उतनी चाक-चौबन्ध/अभेद्य नहीं है, जैसी इस दहशतगर्दों से भरे सूबे में होने चाहिए। कोई कुछ भी कहे यह दुर्भाग्य हमारी सुरक्षा व्यवस्था में  बड़ी चूक से घटी है। वैसे जब गुप्तचर एजेसिंयाँ ने दहशतगर्दों द्वारा इस वारदात करने की  आशंका जतायी थी, तब उसके मुताबिक  सतर्कता-सावधानी क्यों नहीं बरती गई? अगर ऐसा किया होता, तो दहशतगर्द न इतना विस्फोट इकट्ठा कर पाता और न काफिले के पास ही फटक पाता। उसके साथ ही दूसरे दहशतगर्द काफिले पर गोलीबारी कर...

मुलायम सिंह यादव ने यह क्या कह दिया?

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डॉ.बचन सिंह सिकरवार    हाल में सोलहवीं लोकसभा के अन्तिम सत्र में संसद में समाजवादी पार्टी(सपा) के संस्थापक/संरक्षक और उ.प्र.के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ में कसीदे काढ़ते हुए जिस तरह विपक्ष के आगामी लोकसभा चुनाव के बाद  अल्पमत होने के चलते फिर से प्रधानमंत्री बनने की कामना की , उसकी उम्मीद सपने मंे भी खुद नरेन्द्र मोदी और भाजपा को तो बहुत दूर, उनकी अपनी पार्टी सपा समेत किसी भी विपक्षी दल को नहीं होगी। श्री यादव के इस कथन से उनके बगल में बैठीं काँग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गाँधी तो एकदम हतप्रभ और अवाक् रह गईं। फिर एकटक मुलायम को देखने लगीं। तब उनके हावभाव देखने लायक थे। उसके बाद सोनिया गाँधी पीछे मुड़कर अपने और विपक्ष के सांसदों के चेहरे के भाव पढ़ने की कोशिश करने लगी। शायद वह उनकी भी प्रतिक्रिया जानना चाहती थीं। लेकिन उनकी तरह दूसरे दलों के सांसदों को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था, ऐसी हालत में वे क्या करें या न करें? इन सबके विपरीत सत्ता पक्ष के सांसद मेजें थपथपा कर प्रसन्नता व्यक्त कर रहे थे। अब विपक्षी नेता और राजनीति व...

अब लोकतंत्र बन गया है उनके लिए भ्रष्टाचार तंत्र

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   डॉ.बचन सिंह सिकरवार    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सारधा चिटफण्ड घोटाले की जाँच को सी.बी.आई. के अधिकारियों के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के आवास पर पूछताछ को पहुँचने पर जैसा उग्र विरोध जताते हुए केन्द्र सरकार पर संविधान, लोकतंत्र, संघीय ढाँचे को आघात पहुँचाने के जो अगम्भीर आरोप लगाये हैं और जिनका देश के एक-दूसरे के धुर विरोधी राजनीतिक दलों ने खुलकर अन्ध समर्थन किया, उससे देश के लोग हतप्रभ ही नहीं, उन्हें ममता बनर्जी समेत सियासी दलों की अपने  भ्रष्टाचार के बचाव में गढ़ी संविधान, लोकतंत्र, संघीय ढाँचे से छेड़ने की उनकी नयी परिभाषा पर भी बहुत आश्चर्य हो रहा है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि जहाँ एक अदने से सिपाही, लेखपाल(पटवारी), पतरोल,चपरासी के सौ-दो सौ से लेकर हजार-पाँच सौ रुपए की रिश्वत लेने पर पकड़े जाने पर जेल, वहीं करोड़ों -अरबों की लूट की सिर्फ जाँच संविधान, लोकतंत्र की हत्या तथा संघीय ढाँचे से छेड़छाड़ कैसे हो गई? अगर आप सचमुच  संविधान, लोकतंत्र, संघीय ढाँचे के विपरीत आचरण करने के आरोप से जुड़ी परिभाषा सम...

दुराग्राही प्रमाण माँगने वाले

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 डॉ.बचन सिंह सिकरवार    गत दिनों जब से भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित ’जैश-ए-मुहम्मद’ के अड्डे पर सर्जिकल स्ट्राइक कर उसे तबाह कर दिया,तब से अबतक उसकी कामयाबी को लोकसभा के चुनाव में भुनाने न देने को लेकर विपक्ष केन्द्र सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगाने के साथ-साथ उस कार्रवाई के सुबूत माँग कर वायुसेना की सफलता को झूठलाने की लगातार जैसी कोशिशें कर रहा हैं, उसे देखकर देश की जनता को  अत्यन्त वेदना हो रही है। उसे व्यक्त कर पाना हर किसी के लिए सम्भव नहीं है। फिर भी इससे बेपरवाह विपक्षी नेता बराबर सेना की क्षमता और उसकी सफलता पर सवाल खड़े कर रहा है। अप्रत्यक्ष रूप से वह सेना पर देश की सुरक्षा के लिए नहीं, केन्द्र सरकार के चुनावी लाभ को दृष्टिगत रख पाक और आतंकवादियों पर हमलावर कार्रवाई करने की ओर इशारा कर रहा है।  ऐसे में  देश के लोगों के लिए पाकिस्तान के राजनेताओं और काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी और उसके दूसरे नेताओं के बयानों में फर्क कर पाना मुश्किल हो रहा है। हालाँकि अब पाकिस्तान के एक वीडियो में एक पाकिस्तानी सेना का अधिकारी...

अद्भुत अपूर्व अनुभूति है कुम्भ स्नान

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                                         राधेबाबू अपने देश के अलग-अलग क्षेत्रों में हरिद्वार, प्रयागराज(इलाहाबाद) में गंगा,उज्जैन में क्षिप्रा, नासिक में कावेरी पर हर छह वर्ष पश्चात् बारी-बारी से अर्द्ध कुम्भ तथा 12साल बाद पूर्ण कुम्भ लगता है, जिसमें स्नान कर पुण्य प्राप्त करने की अभिलाषा हर हिन्दू की होती है।कुम्भ के बारे में एक अत्यन्त महवपूर्ण पौराणिक कथा जुड़ी है जिसके अनुसार एक बार समुन्द्र मन्थन हुआ। इसमें सुर और असुर सम्मिलित थे।इस मन्थन में अनेक रत्न निकले। इसमें अमृत कलश भी निकला। इस पाने के लिए सुर और असुर में संघर्ष छिड़ गया। इस कलश से जहाँ-जहाँ अमृत छलक कर गिरा वहाँ-वहाँ वर्तमान में कुम्भ का आयोजन किया जाता है।    हिन्दू होने के नाते मेरे मन में कुम्भ स्नान करने की सदैव से इच्छा रही है,लेकिन इसे पूरा करने का अवसर गत 15फरवरी, 2019 को आया। उस दिन प्रातः 6बजे मैं अपने कमला नगर, आगरा स्थित आवास से अपनी पत्नी सुमनदेवी, पुत्र हिमांशु उसकी पत्नी संचेता, नाति...

और कितनों को बेनकाब करेगा ‘मुझे भी‘(मी टू) ?

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 डॉ.बचन सिंह सिकरवार     वर्तमान में देश मंे ‘मैं भी‘(मी टू)मंच के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत यौन शोषण से पीड़ित महिलाओं द्वारा अपनी व्यथा-कथा बयान  करने की जैसी लोमहर्षक, निर्लज्ज, घिन्नौनी घटनाएँ हर रोज समाचार पत्र, ट.ीवी. चैनलों पर प्रकाशित, प्रसारित, प्रचारित हो रही हैं, उन्हें पढ़-सुन, देखकर यह हैरानी हो रही है कि जब इतनी मशहूर और सशक्त हस्तियाँ अपने साथ हुए दुर्व्यवहार, यौन शोषण के विरुद्ध अपना मुँह बन्द करने को विवश थीं, तो उन आम महिलाओं को क्या कुछ नहीं सहना-झेलना पड़ता होगा, जो अपना तथा अपने परिजनों को दो वक्त की रोटी कमाने को नौकरी करने और उसे हर हाल में बचाने को मजबूर हैं। वैसे जहाँ तक भी फिल्मी तथा ग्लैमर की दुनिया और अन्य क्षेत्रों में अभिनेत्रियों तथा दूसरी महिलाओं के यौन शोषण की बात है तो इन क्षेत्रों में यौन शोषण के मामले नये नहीं हैं। फिर  भी कथित कैरियर संवारने या जीविका कमाने के लिए युवतियाँ फिल्मों टेलीविजन, पत्रकारिता, राजनीति में काम करने को प्रतिस्पर्द्धा करती आयी हैं। इनमें से  कुछ को अपनी सुख-सुविधाओं, अधिकाधिक धन,उच...

घुसपैठ करने से ऐसे बाज नहीं आएगा चीन

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डॉ.बचन सिंह सिकरवार  चीन के दो हैलीकॉप्टरों  के गत 27 सितम्बर माह में वास्तविक नियंत्रण रेखा पार कर लद्दाख के ट्रिंग हाइट्स  में घुसपैठ करने का समाचार अब प्रसारित किया गया है।  चीन की इस हरकत पर  शायद ही किसी भारतीय को हैरानी हुई होगी, क्यों कि ये चीनी सैनिक, हैलीकॉप्टर/विमान भारत की सीमा में बार-बार घुसपैठ  भूलवश या अनजाने में नहीं करते, बल्कि अपनी सीमा विस्तारक/भूमि हड़प नीति के तहत करते आए हैं। लद्दाख का टिंªग हाइट्स क्षेत्र सामरिक दृष्टि अत्यन्त महŸवपूर्ण है। इस इलाके के दौलतबेग ओल्डी एयरफील्ड है जिसमें चीनी सैनिक बार-बार घुसपैठ करते आये हैं। यह सही है कि चीन सैनिक या हैलीकॉप्टर वहाँ रुकते नहीं हैं या फिर भारतीय सैनिकों के प्रतिरोध के बाद वापस अपनी सीमा में चले जाते हैं, किन्तु भारत को यह भी सोचना होगा कि चीन कोई भी कदम बिना किसी मकसद के नहीं उठाता। उसके पीछे चीन के तरह-तरह के इरादे होते हैं। फिर भी हर बार की तरह ही भारत का उसकी घुसपैठ पर शान्त बने रहने या सामान्य विरोध करना समझ में नहीं आता है? केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में...

प्रतिमाओं को लेकर फिर राजनीति

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डॉ.बचन सिंह सिकरवार हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 फीट की विश्व की सबसे ऊँची और भव्य प्रतिमा (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) बनवाकर उसकी स्थापना करने पर काँग्रेस समेत विपक्ष यह सवाल कर रहा है कि उसने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की इतनी विशाल प्रतिमा क्यों नहीं बनवायी ? ऐसा करके  भाजपा के सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों तथा नायकों की विरासत को ‘हाइजैक‘ करने का, जो आरोप वह लगा रहा है, उसमें कुछ सब कुछ गलत नहीं है उसमें बहुत कुछ सच्चाई भी है। वैसे सरदार पटेल की प्रतिमा के बहाने अब अचानक  काँग्रेस समेत देश की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के दिलों में अचानक महात्मा गाँधी के लिए हमदर्दी उठना फिजूल नहीं है। इनमें सबसे ज्यादा तकलीफ काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से लेकर उनके कई छोटे-बड़े नेताओं को भी है। इनके इस असली दर्द की वजह इससे आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की चुनावी बढ़त के रूप में देखना है। वैसे यह सच है कि सरदार पटेल का देश की आजादी की लड़ाई और उसके स्वतंत्र होने के बाद साढ़े पाँच सौ से अधिक राज्यों को भारतीय संघ में सम्मिलित कर...

किस काम का है ऐसा विकास ?

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                          डॉ.बचन सिंह सिकरवार  इस बार दीपावली के अवसर पर देश की राजधानी दिल्ली समेत कई दूसरे नगरों में जानलेवा स्तर तक पहुँचे वायु प्रदूषण ने एक बार फिर ऐसे कथित अन्धाधुन्ध विकास पर विचार करने को विवश कर दिया है जो अब मनुष्य की मौत का कारण बन रहा है। अगर इस धरती पर मनुष्य ही नहीं रहेगा तो वह ऐसा विकास किस के लिए कर रहा है? इस ज्वलन्त प्रश्न पर विचार करना अब आवश्यक ही नहीं, अपरिहार्य बन गया है। दीपावली के दूसरे दिन दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित नगर तो कोलकाता दूसरे एवं पाकिस्तान का लाहौर तीसरे तथा बांग्लादेश की राजधानी ढाका चौथे स्थान पर रही है। दिल्ली में वायु प्रदूषण को दीपावली पर लोगों द्वारा की गई आतिशबाजी ने और बढ़ा दिया, जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने आतिशबाजी का समय निर्धारित किया था, ताकि लोग कम से कम आतिशबाजी करें, लेकिन उसके निर्देशों का उल्लंघन किया गया, जिसके कारण पुलिस ने बड़ी संख्या में लोगों के खिलाफ चालान भी किये हैं। इससे पहले भवन निर्माण तथा पुराने वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक ल...

फिर बेनकाब हुई कश्मीर की सियासत

                          डॉ.बचन सिंह सिकरवार जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा विधानसभा के भंग किये जाने के निर्णय  और भाजपा नेता राम माधव के पाकिस्तान के इशारे पर परस्पर घोर विरोधी राजनीतिक पार्टियों के मिलकर राज्य में महागठबन्धन सरकार के गठन के आरोप के प्रत्युत्तर में पूर्व मुख्यमंत्री द्वय महबूबा मुफ्ती तथा उमर अब्दुल्ला का राज्यपाल पर केन्द्र सरकार के कहने पर चलने के आरोप के साथ-साथ राम माधव को अपना आरोप को साबित करने की चुनौती या माफी माँगने को भी कह रहे हैं, सम्भव है कि इन दोनों के सभी के ये आरोप सच हांे, लेकिन राज्य में भाजपा समर्थित सरकार के गठित होता  देख  चिर राजनीतिक प्रतिद्वन्द्विता /मतभेद /कटुता/बैर-भाव /दुश्मनी को भुलाकर एकाएक एकजुट होने को भी कोई साफ-सुथरी राजनीति नहीं कहा जा सकता, जिसकी अब ये सभी दुहाई दे रहे हैं। जब भाजपा ने अपनी धुर विरोधी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी(पी.डी.पी.) की असलियत जानते हुए भी राज्य में साझा सरकार बनायी थी, तब काँग्रेस समेत नेशनल कॉन्फ्रेंस(ने.कॉ.)न...