दुराग्राही प्रमाण माँगने वाले

 डॉ.बचन सिंह सिकरवार  
 गत दिनों जब से भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित ’जैश-ए-मुहम्मद’ के अड्डे पर सर्जिकल स्ट्राइक कर उसे तबाह कर दिया,तब से अबतक उसकी कामयाबी को लोकसभा के चुनाव में भुनाने न देने को लेकर विपक्ष केन्द्र सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगाने के साथ-साथ उस कार्रवाई के सुबूत माँग कर वायुसेना की सफलता को झूठलाने की लगातार जैसी कोशिशें कर रहा हैं, उसे देखकर देश की जनता को  अत्यन्त वेदना हो रही है। उसे व्यक्त कर पाना हर किसी के लिए सम्भव नहीं है। फिर भी इससे बेपरवाह विपक्षी नेता बराबर सेना की क्षमता और उसकी सफलता पर सवाल खड़े कर रहा है।
अप्रत्यक्ष रूप से वह सेना पर देश की सुरक्षा के लिए नहीं, केन्द्र सरकार के चुनावी लाभ को दृष्टिगत रख पाक और आतंकवादियों पर हमलावर कार्रवाई करने की ओर इशारा कर रहा है।  ऐसे में  देश के लोगों के लिए पाकिस्तान के राजनेताओं और काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी और उसके दूसरे नेताओं के बयानों में फर्क कर पाना मुश्किल हो रहा है। हालाँकि अब पाकिस्तान के एक वीडियो में एक पाकिस्तानी सेना का अधिकारी बालाकोट में वायुसेना के हमले में 200दहशतगर्दों के मारे जाने की बात मंजूर कर रहा है।  इससे पहले बालाकोट के दहशतगर्दों के ठिकाने को बर्बाद होने की पुष्टि उसकी के पास स्थित मस्जिद में काम करने वाले मोहम्मद नईम ने की है,जिसने बताया कि ठिकाने पर मौजूद दहशतगर्दों के साथ 4से 5पाँच जवान भी मारे गए है,जबकि पाक सरकार और उसकी सेना भारतीय विमान स्ट्राइक को भारत का फर्जी प्रचार बताकर झूठा साबित करने में जुटी है। वैसे एक खबरिया चैनल ने पाकिस्तानी अधिकारी बनकर गुलाम कश्मीर के भिंवर में एक पुलिसकर्मी से पता कर लिया कि पाक सेना के अधिकारियों ने ध्वस्त एफ-16विमान की सुरक्षा करने और उसकी जानकारी किसी को न देने के निर्देश दिये हैं।
इसके विपरीत बालाकोट पर वायुसेना के हमले पर  सपा नेता अखिलेश यादव, आजम खाँ, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ.फारूक अब्दुल्ला, पी.डी.पी.की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, वामपंथी नेता सीताराम येचुरी,पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, एन.एसी.पी. के नेताओं ने देश के लोगों की भावनाओं को देखते हुए शुरू में  बेमन से  खुशी जरूर जतायी थी, पर बाद में ये सभी जिस तरह से एक स्वर में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं, उससे यही लगता है कि पाकिस्तान पर हमला कर सेना ने कोई अपराध कर दिया है,कहीं इसका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा चुनावी फायदा न उठा ले। काँग्रेस के राज्य सभा के सदस्य बी.के.हरिप्रसाद ने तो यहाँ तक आरोप लगा दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आपस में मिलकर पुलवामा काण्ड कराया है। अगर ऐसा सम्भव है तब तो उनकी पार्टी की केन्द्र सरकार ने भी चीन और पाकिस्तान सरकारों से मिल कर 1962,1965, 1971में जंग लड़ी होगी।उसमें चीन के हाथों देश की जमीन गंवाने के साथ-साथ देश की सेना द्वारा अपना खून बहा कर और प्राण देकर पाकिस्तान से सामरिक महŸव की जो जमीन जीती थी,उसे भी बगैर उसकी कीमत वसूल किये लौटा दिया था। यहाँ तक कि अपने 54युद्धबन्दी वापस लिए बगैर 93हजार पाकिस्तानी यु़द्धबन्दी लौटा दिये। 
वैसे भी जहाँ काँग्रेस की अध्यक्ष रही सोनिया गाँधी को नरेन्द्र मोदी मौत के सौदागर दिखाई देते है, वहीं उनके पुत्र और वर्तमान में पार्टी के अध्यक्ष राहुल गाँधी  दहशतगर्द संगठन ‘जैश-ए-मुहम्मद’ के सरगना मसूद अजहर जी कहते हैं। इससे पहले भी देश के दुश्मनों को काँग्रेस के वरिष्ठ नेता आतंकवादी हाफिज सईद को हाफिज साहब और आइ.एस.के सरगना ओसाम बिन लादेन का ओसामा जी कह चुके हैं। यहाँ तक कि दिग्विजय सिंह दिल्ली  बाटला हाउस मुठभेड़ को फर्जी बता चुके हैं,जिसमें पुलिस इन्सपेक्टर मोहनलाल शर्मा शहीद हुए थे।उस घटना को लेकर सोनिया गाँधी को नींद नहीं आयी थी। इससे काँग्रेस की राष्ट्रनिष्ठा और सत्ता प्रेम में अन्तर स्पष्ट हो जाता है,जिन्हें सत्ता के लिए देश के दुश्मनो ंसे भी मुहब्बत है। विडम्बना यह है कि काँग्रेस अपने विरोधियों को प्रमाण माँगने में जितने आगे दिखायी देती है,उतनी ही अपने  भ्रष्टाचारकाण्डों के सुबूत छुपाने/ न देने में बहुत आगे हैं। 
अब काँग्रेस पार्टी के नेता कपिल सिब्बल ने आतंकवादियों की लाशें दिखाने की कह कर सुबूत माँगे हैं। उनका कहना था कि अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया तो कह रहा है कि बालाकोट में सर्जिकल जैसी कोई घटना नहीं हुई है। वैसे तो ये नेता दुनिया जहान की जानकारी होने का दावा करते हैं, किन्तु उन्हें यह पता नहीं है कि जहाँ पाकिस्तान सरकार ने अन्तर्राष्ट्रीय समाचार एजेन्सी रॉयटर के पत्रकारों को बालाकोट जाने से तीन पर रोका है, वहीं उसने अपने पत्रकारों के भी वहाँ जाने पर प्रतिबन्ध लगाया हुआ है। यहाँ तक कि पाकिस्तान ने अपने लड़ाकू विमान एफ-16 के भारतीय वायुसेना के मिग-21 द्वारा मार गिराये की घटना से भी इन्कार किया है।लेकिन पाक सरकार जिन दो विमान चालकों का पकडा जाना मंजूर कर रही थी, जिसमें एक भारतीय विमान चालक अभिनन्दन वर्तमान था,तो दूसरा कौन था? पर आजतक काँग्रेस के नेता और पंजाब सरकार मंे मंत्री नवजोत सिंह सिधू अपने मित्र पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान से उसकी हकीकत जानने या सुबूत माँगने नहीं गए। उन्होंने बालाकोट जाकर भारतीय वायुसेना के सर्जिकल स्ट्राइक की असलियत पता करने की कोशिश क्यों नहीं की? उन्होंने अपने मित्र इमरान खान से पाकिस्तानी गुप्तचर एजेन्सी ‘आइ.एस.आइ. तथा पाक सेना के जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर, जमात-उद-दावा’ के हाफिज सईद,लश्कर-ए-तयैबा, तालिबान, अलकायदा,आइ.एस. आदि दहशतगर्द  आदि संगठनो से रिश्तों  के सुबूत माँगे क्या? पाकिस्तान के कश्मीर के हुर्रियत नेताओं, अलगाववादियों,आतंकवादियों से सम्बन्धों के प्रमाण माँगने की जहमत क्यों नहीं उठायी। वैसे वर्ग विशेष के एकमुश्त वोट लेने के लिए काँग्रेस की सुबूत माँगने की आदत पुरानी  है,वह रामसेतु और भगवान राम के अस्तित्व को लेकर सुबूत माँगती है,पर हमलावर बाबर के सेनापति मीर बकी द्वारा रामजन्मभूमि मन्दिर को तोड़े जाने के प्रमाण माँगने की उसे कभी आवश्यकता अनुभव नहीं होती। वह हिन्दुओं से पूछती है कि रामजन्मभूमि मन्दिर/बाबरी मस्जिद में कई कमरे थे,उसमें से किस कमरे में श्रीराम का जन्म हुआ था?क्या काँग्रेसी तथा वामपंथी ऐसा ही सवाल इस्लाम या ईसाई मत मानने वालों से पूछने/सुबूत माँगने की जुर्रत कर सकते हैं? हिन्दू देवी-देवताओं का हास्यास्पद रूप में दर्शाना और उनकी परम्पराओं,रीति-रिवाजों,श्रद्धा, आस्था-विश्वास का मजाक बनाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बतायी जाती है। आदिकाल से भारत के लोगों की विभिन्न क्षेत्रों में जितनी भी उपलब्धियाँ रही हैं,उन पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए  ये प्रमाण माँगते आए हैं। यहाँ तक कि देश की अदालतों का भी रुख भी हिन्दुओं के प्रति कुछ ऐसा ही रहा है। कमोबेश ऐसा ही रवैया हिन्दुओं को लेकर विभिन्न जनसंचार माध्यमों का रहा है,वे अपनी लोकप्रियता बढ़ाने को हिन्दुओं के धार्मिक-सामाजिक विश्वासों-आस्थाओं को परिहास उड़ाते रहते हैं और उनसे हर बात का सुबूत माँगते है,पर दूसरों से नहीं।
 अयोध्या में रामजन्मभूमि मन्दिर/बाबरी मस्जिद की खुदाई मिले प्रमाणों को काँग्रेस, सपा, बसपा, वामपन्थी दल बराबर झूठलाते आए है, जबकि उस  दल में शामिल पुरातत्विद् के.के.मुहम्मद खनन में प्राप्त प्रमाणों के आधार पर यहाँ पर पहले से मन्दिर होने के अस्तित्व को स्वीकार करते हैं। काँग्रेसियों की तरह वामपंथी दिल्ली के जे.एन.यू., हैदराबाद यूनीवर्सिटी में महिषासुर दिवस मनाकर कई सालों से माँ दुर्गा का अपमान करते आए हैं और पुराणों की सच्चाई का प्रमाण माँगते हैं।  अब देश के तथाकथित सेक्यूलर दलों में शामिल तृणमूल काँग्रेस, आम आदमी पार्टी के नेताओं को रमजान के महीने में लोकसभा चुनाव कराये जाने में साजिश की बू आ रही है,पर इसी दौरान हिन्दुओं के नवरात्र, रामनवमी, ईसाइयों के गुड फ्राइडे, सिखों के पर्वों का उन्हें कोई ख्याल नहीं है। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खाँ का कहना है कि मोदी सरकार सरहदों ,शहदतों, खून का सौदा कर रही है। उनकी जमात के ही जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नेशनल काँन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ.फारूक अब्दुल्ला तथा उनके बेटे उमर अब्दुल्ला अब इस सूबे में इस्लामिक कट्टरवाद तथा आतंकवादियों की मददगार ‘जमात-ए-इस्लामी’ पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबन्ध का खुलकर मुखाफत कर रहे हैं और उसके तरफदार बने हुए हैं जिसके पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ‘जैश-ए-मुहम्मद’ खास रिश्तों के बहुत से सुबूत मिल चुके हैं, लेकिन देश के किसी भी सियासी दल ने उनके इस कदम की निन्दा/आलोचना तक नहीं की है,क्यों? जम्मू-कश्मीर का हिन्दुओं और हिन्दुस्तान से कोई रिश्ता नहीं हैं। वह सिर्फ मुसलमानों का है। उससे विशेष दर्जा क्यों चाहिए,इसके सुबूत सेक्यूलर पार्टियाँ उनसे क्यों नहीं माँगती हैं?इन्होंने इस्लामिक कट्टरपन्थियों से कश्मीर पण्डितों को उनके घर से बेदखल करने की कभी वजह जानने की  की कोशिश क्यों नहीं की?
  हिन्दुओं के देवी-देवताओं के अस्तित्व पर प्रश्न चिह्न लगाया जाता है। उनकी रीति-रिवाजों का मजाक उड़ाया जाता है। अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि मोदी चुनाव से पहले एक और सर्जिकल स्ट्राइक कर बंगाल की जनता को परेशान करेंगे। अब उनसे पूछा जाना चाहिए कि पाक और आतंकवादियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक पश्चिम बंगाल की जनता से क्या सम्बन्ध है? ये तथाकथित सेक्यूलर पार्टियों को अपने देश से मुहब्बत करने वालों से इतनी नफरत क्यों हैं? भारत तेरे टुकड़े होंगे, कश्मीर माँगे आजादी,इंशा अल्लाह,इंशा अल्लाह, भारत की बर्बादी तक जंग चलेगी,जंग चलेगी, अफजल हम शर्मिन्दा हैं,तेरे कातिल जिन्दा हैं,आदि नारे लगाने वालों से इतनी हमदर्दी क्यों हैं? इन्हें भारत माता की जय, वन्देमातरम नारे लगाने वाला क्यों भाजपाई और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक क्यों दिखायी देता है? राष्ट्रवाद और देशभक्ति से काँग्रेस को इतनी चिढ़ क्यों हैंह? इन प्रश्नों के उत्तर और उनके सुबूत भी अब देश के लोगों को उनसे पूछा ही जाना चाहिए।
 सम्पर्क- डॉ.बचन सिंह सिकरवार 63 ब, गाँधी नगर, आगरा-282003 मो.नम्बर-9411684054 

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