अपने बँटवारे को लेकर परेशान है स्पेन
डॉ.बचन सिंह सिकरवार
हाल में स्पेन के प्रधानमंत्री मारियानो राजोय ने गत 27अक्टूबर को कैटलोनिया की स्वायत्ता रद्द करते हुए वहाँ की सरकार को बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने कैटलोनिया के क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख जोसेप लुईस ट्रेपरो को बर्खास्त कर इस प्रान्त की प्रशासनिक जिम्मेदारी भी सम्हाली हैं, जिन्होंने स्पेन की सरकार के आदेश के बाद भी यहाँ के लोगों द्वारा इसकी स्वतंत्रता को लेकर विगत 1 अक्टूबर को जनमत संग्रह हुए मतदान को रोकने में विफल रहे थे। उन पर आरोप पर था कि पृथकतावादियों के प्रति नरम रवैया रखते हैं। उस दौरान हिंसा और वर्षा के बावजूद भी उस जनमत संग्रह में 42 प्रतिशत कैटलोनिया के लोगों ने भाग लिया तथा इनमें से 90प्रतिशत ने अपना मत स्वतंत्र कैटलोनिया के पक्ष में मत व्यक्त किया। उस दिन सरकार ने जिन 2,300 स्कूलों को जनमत संग्रह के लिए मतदान केन्द्र बनाया गया था उनमें ज्यादातर को सील कर दिया गया। लेकिन जनमत संग्रह के समर्थकों ने अपनी इस योजना को टालने मना कर दिया और हजारों की संख्या में स्वतंत्रता समर्थक सड़कों पर आ गए। यहाँ तक बार्सिलोना के आसपास के कस्बों में भी अशान्ति फैल गयी। जब स्वतंत्रता के समर्थकों से पुलिस ने मतपेटिकाएँ छीनने का प्रयास किया ,तो बड़े पैमाने पर हुई हिंसा भड़क उठी। इसमें लाठी चार्ज तथा गोलीबारी में 460 लोग तथा बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। जनमत संग्रह से पहले आजादी समर्थक कैटालौन अधिकारियों को पुसिल गिरफ्तार कर
लिया तथा जनमत संग्रह से सम्बन्धित प्रचार सामग्री जब्त करा ली थी।लेकिन इससे यहाँ के स्वतंत्रता समर्थकों के उत्साह में कोई कमी नहीं आयी। इनमें से कुछ सुबह पाँच बजे से मतदान हेतु पंक्तियों में लग गए,जबकि मतदान प्रातः 9बजे शुरू होना था। इसमें बड़ी तादाद में बुजुर्ग तथा महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। स्पेन सरकार ने इस जनमत संग्रह को गैरकानूनी घोषित कर दिया। स्पेन की संवैधानिक अदालत ने कैटलन की संसद के 9अक्टूबर को होने वाले सत्र को निलम्बित करने का आदेश था। इस बैठक में कैटलोनिया की सरकार स्पेन से आजादी की घोषणा करने वाली थी। संवैधानिक अदालत के इस आदेश को कैटलोनिया की संसद की अध्यक्ष ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हनन बताया। स्पेन से आजादी की कोशिशों के कारण कैटलोनिया के बड़े बैकों के कारोबार पर बुरा असर पड़ रहा है और शेयर गिर रहे हैं। पिछले दिनों बेल्जियम से कैटलोनिया की स्वतंत्रता समर्थक कुछ नेताओं को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल, इस वर्तमान स्थिति से स्पेन की सरकार बेहद परेशान है, क्यों कि वह किसी भी हालत में अपना बँटवारा नहीं चाहती है।
लिया तथा जनमत संग्रह से सम्बन्धित प्रचार सामग्री जब्त करा ली थी।लेकिन इससे यहाँ के स्वतंत्रता समर्थकों के उत्साह में कोई कमी नहीं आयी। इनमें से कुछ सुबह पाँच बजे से मतदान हेतु पंक्तियों में लग गए,जबकि मतदान प्रातः 9बजे शुरू होना था। इसमें बड़ी तादाद में बुजुर्ग तथा महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। स्पेन सरकार ने इस जनमत संग्रह को गैरकानूनी घोषित कर दिया। स्पेन की संवैधानिक अदालत ने कैटलन की संसद के 9अक्टूबर को होने वाले सत्र को निलम्बित करने का आदेश था। इस बैठक में कैटलोनिया की सरकार स्पेन से आजादी की घोषणा करने वाली थी। संवैधानिक अदालत के इस आदेश को कैटलोनिया की संसद की अध्यक्ष ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हनन बताया। स्पेन से आजादी की कोशिशों के कारण कैटलोनिया के बड़े बैकों के कारोबार पर बुरा असर पड़ रहा है और शेयर गिर रहे हैं। पिछले दिनों बेल्जियम से कैटलोनिया की स्वतंत्रता समर्थक कुछ नेताओं को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल, इस वर्तमान स्थिति से स्पेन की सरकार बेहद परेशान है, क्यों कि वह किसी भी हालत में अपना बँटवारा नहीं चाहती है।
स्पेन से अपनी स्वतंत्रता की माँग करने वाले जनमत संग्रह की सफलता के बाद संघीय सरकार से अपनी तनातनी के बीच यह नहीं बताए पाए कि आखिर उन्हें किस कारण स्पेन से अलग होकर स्वत्रत कैटलोनिया राष्ट्र की स्थापना की क्यूँ जरूरत महसूस हुई? उत्तर- पूर्व स्थित कैटलोनिया स्पेन की सबसे समृद्ध प्रान्त है इस इलाके में कोई 53 लाख लोग रहते है। इसकी राजधानी बार्सिलोना है, जहाँ ओलम्पिक खेलों का आयोजन भी हो चुका है। इसका एक हजार साल पुराना इतिहास है। स्पेन में गृहयुद्ध से पहले इस क्षेत्र को स्वायत्ता मिली हुई थी। सन् 1939में जनरल फ्रैंको निरंकुश तानाशाह बना गया और फिर सन् 1975 में उनकी मृत्य हो गयी। उस दौरान कैटलोनिया की स्वायत्ता खत्म कर दी। जनरल फ्रैंको के बाद स्पेन में संवैधानिक राजतंत्र स्थापित हुआ और कैटलन राष्ट्रवाद को फिर हवा मिली। आखिर में स्पेन सरकार को उत्तरी-पूर्वी क्षेत्रों को पुनः स्वायत्ता देनी पड़ी। ऐसा सन् 1978 के संविधान के तहत किया गया। इसके पश्चात् 2006 के अधिनियम के तहत कैटलोनिया को और अधिक शक्ति प्रदान की गयी। इससे कैटलोनिया का वित्तीय दबदबे में बढ़ोत्तरी हुई और उसे एक राष्ट्र के रूप में देखा जाने लगा। यह स्थिति बहुत दिनों तक नहीं रही। सन् 2010 में संवैधानिक न्यायालय ने कैटलोनिया की सारी शक्तियाँ वापस ले लीं। इसके बाद से स्थानीय प्रशासन नाराज है। आर्थिक मन्दी और सार्वजनिक व्यय में कटौती के बाद से स्वायत्ता को लेकर लोगों में गुस्सा और भी बढ़ा। कैटलोनिया में नवम्बर, 2014को स्वतंत्रता के लिए अनधिकारिक मतदान का आयोजन किया गया। अपनी स्वतंत्रता को प्रयासरत कैटलोनिया को विश्व के किसी भी देश ने मान्यता नहीं दी है। यूरोपीय देश स्पेन के दक्षिण-पश्चिम में पुर्तगाल, उत्तर में फ्रान्स तथा पूर्व में भूमध्य सागर है। इसका क्षेत्रफल 5,04,750 वर्ग किलोमीटर तथा जनसंख्या करीब 4,61,52,921 है। इसकी राजधानी मेड्रिड है। यहाँ के लोग ईसाई धर्म के अनुयायी है और स्पेनिश, कैटेलान, बास्क, मैलिशियन भाषाएँ बोलते हैं। सन् 1492 में इस देश के नाविक कोलम्बस ने अमरीका की खोज की । उसके बाद से स्पेन एक बड़ा उपनिवेशक साम्राज्य बन गया, लेकिन 1588में इंग्लैण्ड द्वारा स्पेनिश आरमडा को जीतने के बाद स्पेन एक लघु प्रायद्वीपीय शक्ति के रूप में सिमट गया। 1
पराम्परागत रूप से स्पेन एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की मुख्य उत्पाद अन्न, सब्जियाँ और फल हैं। उद्योगों में रसायन, मशीनी औजार, जहाज निर्माण है। अब कैटलोनिया के लोगों का स्पेन सरकार नीतियों का असन्तोष कारण उसके यहाँ से अर्जित राजस्व को देश के अन्य प्रदेशों पर व्यय करना है तथा वे जिस स्वायत्ता रखते आये थे और इच्छा रखते हैं उसका हरण किया जाना है।
फिलहाल, स्पेन सरकार को अपनी उन रीति-नीतियों पर गहरी से विचार करना चाहिए कि जिनके कारण कैटलोनिया के लोग उससे इतने नाराज क्यों हैं? उन्हें उससे अलग होने की आवश्यकता क्यों अनुभव हो रही है? यदि समय रहते स्पेन सरकार इसमें सफल रहती है उस दशा में वह कैटलोनिया के लोगों के असन्तोष-आक्रोश को शान्त करने में कामयाब हो सकती है।
सम्पर्क-डॉ.बचन सिंह सिकरवार 63ब,गाँधी नगर,आगरा-282003मो.नम्बर-9411684054
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