ऐसे हुआ था आपात काल का प्रतिकार

           डॉ.बचन सिंह सिकरवार  





पच्चीस जून,सन्1975 आधी रात को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने संविधान के अनुच्छेद 352 के अन्तर्गत प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी की ने कहने पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा ‘उ.प्र.राज्य बनाम राजनारायण में उनका चुनाव रद्द किये जाने पर अपनी सत्ता बचाने  को विवादस्पद आपात काल लागू कर दिया।इसके माध्यम से लोकतंत्र पर तानाशाही को लादा गया। इसके साथ ही प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबन्ध, राजनीति गतिविधियाँ पर रोक,नागरिक के मूल अधिकारों को निलम्बित किया गया,वरन् उन्हें जीवन के अधिका से वंचित किया,राजनीति विरोधियों की गिरफ्तरियाँ करने का पुलिस-प्रशासन का दमन चक्र शुरू हो गया।जेलों उन्हें तरह-तरह की यातनाएँ दी गईं और इनके परिजनों तथा मित्रों को भी प्रताड़ित किया गया। यूँ तो इस काले कानून का उग्र और व्यापक स्तर पर विरोध पूरे देश में हुआ था, किन्तु इसके विरुद्ध उत्तर प्रदेश के लोगों ने जिस बड़े पैमाने पर कठोर प्रतिक्रिया व्यक्त की,उसकी उम्मीद इस अन्यायपूर्ण और दमनकारी कानून को लागू कराने वालों ने कभी नहीं की थी। इस अन्धे कानून के लागू होते ही  लोकनायक जयप्रकाश नारायण, विपक्षी राजनीतिक दलों जनसंघ,सोशलिस्ट पार्टी,प्रजा सोशलिस्ट पार्टी,संगठन काँग्रेस,मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी,स्वतंत्र पार्टी्र,असन्तुष्ट काँग्रेसी नेताओं आदि के समेत गैर राजनीति संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आर.एस.एस.),अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ,समाजवादी युवजन सभा,गाँधीवादी,सर्वोदय के हजारों कार्यकर्ताओं ,बडी संख्या में पत्रकारों,लेखकों इत्यादि को बगैर किसी अपराध के गिरफ्तार कर लिया गया। इस कानून के विरोध में हर जगह सभी आयु,वर्ग के लोग अपनी-अपनी तरह से अपना आक्रोश और गुस्सा जताने लगे। अब जहाँ तक इस दौरान आगरा और आगरा मण्डल के लोगों के विरोध का प्रश्न है तो कुछ ने सत्याग्रह,तो कुछ ने स्वयं न्यायालय/थाने में गिरफ्तारी दी,तो कुछ पुलिस दबिश,पर्चे चिपकाते या बाँटते/दीवारों पर नारे लिखते पकड़े गए।आगरा मण्डल में विभिन्न राजनीतिक दलों तथा उनके अनुषांगिक संगठनों के लगभग 650कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए और कई-कई माह जेल में रहे। इनमें से कुछ मार्च,1975 में आपातकाल समाप्त होने पर रिहा हुए। 


      इस बीच तमाम लोग बिना गिरफ्तार हुए आपातकाल विरोधी आन्दोलन के लिए भूमिगत रहकर काम करते रहे। सर्वोदयी नेता विनोबा भावे के निर्देश पर आगरा में पहला सत्याग्रह 27जून को स्वतंत्रता सेनानी चिम्मन लाल जैन ने कलक्टेªट पर किया।वहाँ उन्हें और हिन्द किसान मजदूर संगठन के नेता शिवमंगल सिंह राठौर को भी गिरफ्तार कर लिया गया।बाद में चिम्मनलाल जैन का बेटे रज्जू दीवारों पर नारे लिखते गिरफ्तार हुएा। सर्वोदय की ओर से आपात काल का विरोधी आन्दोलन चलाने हेतु महावीर भाई का उत्तर प्रदेश का संयोजक बनाया गया।सर्वोदयी शिवनारायण अग्रवाल की अगुवाई में बौद्धभिक्षु भन्ते कौण्डिय,स्वामीकृष्णानन्द ने गिरफ्तरी दी। समाजवादी पार्टी के हुकूम सिंह परिहार, रघुवरदयाल वर्मा,रंजीत सिंह आर्य, कालीचरन उपाध्याय एडवोकेट,छत्रपाल सिंह तोमर, अमरपाल सिंह(टूण्डला) राजेश बेढिया, रामजीलाल सुमन,श्रमिक नेता प्रेमदत्त पालीवाल आदि गिरफ्तार हुए। संघ के प्रचारक श्याम जी का आपात के विरोध में स्वयंसेवकों को आन्दोलन हेतु प्रेरित करने में बहुत बड़ा योगदान रहा।  अमरनाथ जैन, रामशरण बंसल के नेतृत्व में राजामण्डी,लोहामण्डी क्षेत्र 7स्वयंसेवको ने गिरफ्तारी दी। बृजेन्द्र सिंह लड्डू अनिलपुरी, रामशरण झा, विनोद झा को रात्रि में सिकन्दरा में हाईवे के किनारे स्थित मजार के पास प्रचार सामग्री दीवार पर चिपकाते पुलिस ने गिरफ्तार किया। अश्वनी ग्रोवर ( हींगमण्डी ) अगुवाई में विजय जैन पंकज मलिक,कमल नयन,किशन विजय जैन तेलीपाड़ा(लोहामण्डी) ने सत्याग्रह कर स्वयं गिरफ्तारी दी। पुरुषोŸाम खण्डेलवाल के नेतृत्व में बेलनगंज के स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी।जनसंघ के नेता राजकुमार सामा, हरद्वार दुबे, रसिकबिहारी लाल गुप्ता, भगवान शंकर रावत मीसा में बन्दी बनाये गए। अधीश भटनागर को गिरफ्तार कर थाना रकाबगंज लाया गया,जहाँ पुलिस ने उनके साथ बहुत अमानवीय व्यवहार किया। सरस्वती विद्यामन्दिर इण्टर कॉलेज,उत्तर विजयनगर कॉलोनी के प्रधानाचार्य लज्जाराम तोमर के जेल रहने के दौरान उनके एकमात्र पुत्र की मृत्यु हो गयी,पर उन्हें रिहा नहीं किया।  आगरा में सबसे कम उम्र 13वर्ष के स्वयंसेवक संजय गोयल पुत्र सत्यनारायण गोयल ने गिरफ्तारी दी थी और कई महीनों तक कारागार में रहे। संघ के स्वयंसेवक दन लालचन्द सोनी और उनके छोटे भाई मदन सोनी,हरेश चतुर्वेदी (लंगड़े की चौकी) ने गिरफ्तारी दी।  3नवम्बर को राष्ट्रमण्डल के 45 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को ताजमहल और लाल किला देखने आये,तब लाल किले में बृजेन्द्र सिंह लड्डू, रामशरण झा, कुलभूषण, धीरज प्रताप चौहान ने अँग्रेजी में छपे आपातकाल विरोधी पर्चे बाँटे और सुरक्षाकर्मियों की निगाह में आने बच निकले में कामयाब रहे। उ.प्र.काँग्रेस अध्यक्ष का कार्यक्रम रतनमुनि जैन मुनि इण्टर कॉलेज के हाल में होना था,पर रात का उसकी दीवारें संघ के स्वयंसेवकों ने आपात काल विरोधी नारों से रंग दीं। इस कारण यहाँ अध्यापक एवं संघ के स्वयंसेवक मथुरा प्रसाद गर्ग को जेल जाना पड़ा। रमेशकान्त लवानियां, भवतोश चक्रवर्ती, सत्यप्रकाश विकल डीआईआर में गिरफ्तार हुए। 9अगस्त को योगेन्द्र सिंह चौहान ने गिरफ्तारी दी। 21जुलाई को महेश चन्द्र तिवारी एडवोकेट(मीसा),गाँव बगलघूंसा के चौधरी बाबूलाल पहलवान  25जुलाई को  राजकुमार सामा एम.एल.सी.,15अगस्त,स्वतंत्रता दिवस की रात्रि 11बजे पुलिस ने चतुर्वेदी जी को उनके घर से  गिरफ्तार कर डी.आई.आर.में जेल भेज दिया। संघ के स्वयंसेवक कृष्ण गोपाल शर्मा,अधीश भटनागर,रमेश राघव(गाँव-बनैल,जिला-बुलन्दशहर) आदि भी पोस्टर चिपकाते गिरफ्तार हुए। आगरा 79जनसंघ औ 29सोशलिस्टपार्टी के लोग गिरफ्तार हुए थे। उस समय आपात काल में बन्दियों के परिवारों की देखभाल के लिए दैनिक अमर उजाला के सम्पादक डोरीलाल अग्रवाल के नेतृत्व में एक समिति बनी,जिसमें सरदारी लाल वाधवा,आदिराम सिंघल आदि सम्मिलित थे। इस बीच  कारागार में बन्दियों की भी एक समिति बनी,जिसके अध्यक्ष शम्भूनाथ चतुर्वेदी और सचिव योगेन्द्र सिंह चौहान थे। मथुरा में आगरा के अशोक दिग्विजय संघ के प्रचारक और प्रकाश शर्मा के छद्म नाम से संघ की ओर आपतकाल के विरोध में कार्य कर रहे थे। तब वह गोवर्द्धन में थे।उन्हें कृष्णा नगर से उनके सहयोगी विनोद शर्मा के साथ कोतवाल सिरोही ने पकड़ा। बाद में उनसे जानकारी करने को बहुत यातनाएँ दी गईं।कई महीने जेल में रहने के बाद बीमार पड़ने पर रिहा किया। आगरा के पुरुषोत्त सिंह सिकरवार भी मथुरा जेल में रहे। डॉ.चन्द्रभान गुप्ता संघ के प्रमुख थे,उन पर बहुत जुल्म ढहाये गए। मथुरा के जिला संघ चालक जमुना प्रसाद एडवोकेट,सह जिला संघचालक चतुर्भुज सर्राफ ने 21जुलाई को प्रथम सत्याग्रह कर सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जिला कचहरी में ‘भारत माता की जय’,‘लोकनायक जिन्दाबाद’के नारों के साथ सत्याग्रह कर गिरफ्तारी दी। मथुरा के जिला संघ चालकजमुना प्रसाद एडवोकेट,सह जिला संघचालक चतुर्भुज सर्राफ ने 21जुलाई को प्रथम सत्याग्रह कर सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जिला कचहरी में ‘भारत माता की जय’,‘लोकनायक जिन्दाबाद’के नारों के साथ सत्याग्रह कर गिरफ्तारी दी। आपात के काले दिनों की याद बहुत डरावनी है,भविष्य में कोई लोकतंत्र का हरण न कर सके,इसके लिए सतत् सावधान रहने की आवश्यकता है
   सम्पर्क -डॉ.बचन सिंह सिकरवार 63ब,गाँधी नगर,आगरा-282003मो.न.9411684054

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