माननीयों की लूट पर चुप्पी कैसी?


डॉ.बचन सिंह सिकरवार
उत्तर प्रदेश में चन्द्रदेव राम यादव काबीना मंत्री और स्कूल के प्रधानाध्यापक एक साथ रहते हुए दोनों पदों का वेतन-भत्ता बराबर लेते रहे हैं। ऐसे ही  विभिन्न गम्भीर अपराधों में जेलों में सजा काट रहे कई राजनीति दलों के सात विधायकों का  निर्वाचन और चिकित्सा भत्ता के नाम पर हर माह ५०,००० हजार रुपए सार्वजनिक कोष से वसूलना; यह दर्शाता कि वर्तमान कानून का ये कथित जनसेवक  किसी तरह दुरुपयोग कर रहे हैं। क्या उनका यह एक आर्थिक अपराध और अनैतिक कृत्य नहीं है? आश्चर्य की बात यह है कि इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों के नेतागण चुप्पी
साधे हुए हैं , जो साधारण-सी बातों पर  सरकारी की भूल-चूकों पर  धरती आसमान उठा लेते हैं।
कोई इन विधायकों से यह नहीं पूछता कि वे जिस निर्वाचन क्षेत्र और चिकित्सा भत्तों को  ले रहे हैं वे जेल में रहते अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोगों की खबर -सुध कब लेने जाते हैं जिसका वे अपना मेहनताना ले रहे हैं ? इसी तरह कोई उनसे यह भी पूछने की जहमत नही उठा रहा है कि जेल में रहते वे अपना इलाज कहाँ कराने जाते हैं? जब कि जेल ही उन्हें मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्राप्त है।
यह माना कि अभी कोई ऐसा कानून नहीं है कि ऐसे अपराधों में सजा काट रहे विधायकों को ऐसे भत्तों का भुगतान बन्द कर दिया जाए। पर क्या इन माननीय विधायकों का दायित्व नहीं है कि उन्हें बिना किये कार्य का भत्ता क्यों लेना चाहिए ?वैसे ये विधायक और सांसद अपने को देवतुल्य और साक्षात कानून की प्रतिमूर्ति मानते हैं तथा विधानसभाओं और लोकसभा-राजसभा को लोकतंत्र का मन्दिर। क्या ये माननीय सचमुच देवतुल्य हैं और कानून का पालन करते है? यह फिर वे अपने को कानून से ऊपर समझते हैं?
वस्तुतः देश के वर्तमान कानून की कमियों का सभी राजनीतिक दलों के माननीय फायदा उठाते आये हैं। वे सांसद और विधायक बनने के बाद भी अपने पहले पद तथा विधायक/सांसद के वेतन-भत्तों के लाभ उठाते रहते हैं। इसलिए वे चुप बैठे हैं और इसमें परिवर्तन के इच्छुक भी नहीं हैं।
कुछ माननीयों का यह तर्क हो सकता है कि विधायक/सांसद अक्सर जनहित आन्दोलनों में गिरफ्तार होते और जेल जाते रहते हैं इसलिए उनका वेतन-भत्ता बन्द नहीं होने चाहिए। लेकिन वर्तमान में उ.प्र.में सात विधायक गम्भीर तथा घृणित अपराध यथा-हत्या,बलात्कार,मफियागीरी में सजा काट रहे हैं जो किसी तरह  राजनीतिक कर्म नहीं है। कब आएगा वह समय जब देश के लोग जागेंगे और अपने धन को लूट रहे ऐसे तथाकथित नेताओं की कुकृत्यों के लिए दण्डित करेंगे।      

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