अब पाकिस्तान को याद आयी शियाओं की
डॉ.बचन सिंह सिकरवार
आखिर पाकिस्तान सरकार को अल्पसंख्यक शिया हजारा समुदाय की सुरक्षा का ख्याल तो आया, लेकिन सैकड़ों शियाओं की जानें जाने के बाद। अब पाक गृहमंत्राी रहमान मलिक ने शिया हजारा समुदाय पर लगातार हमला कर रहे कुख्यात ‘लश्कर-ए-झांगवी'(एल.ई.जे.) के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश ‘पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी'(नवाज शरीफ) की पंजाब सरकार को मजबूरी में दिया है। उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि अगर पंजाब सरकार इस दहशतगर्द संगठन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती तो संघ सरकार को ही दखल देना पड़ेगा। दरअसल, गत २०फरवरी को भारी विरोध और सरकार विरोध नारों के बीच क्वेटा में ८९ लाशों को दफनाया गए ,जो १६फरवरी को अशान्त बालूचिस्तान प्रान्त की राजधानी क्वेटा के शिया बहुल इलाके किरानी रोड स्थित बाजार में आतंकवादी संगठन ‘लश्करक्-ए-झांगवी' ने शाम करीब पाँच बजकर ४०मिनट पर रिमोट संचालित आइईडी लगाकर किये गए धमाके में मारे गए थे। इसमें २००लोग घायल हुए तथा ६०दुकानें देखते-देखते मलबे में तब्दील हो गईं। इसमें मरने वालों में बड़ी संख्या में महिलाएँ और बच्चे थे। दहशतगर्दों ने बम बाजार के किनारे खड़े वाहन में रखा था। यहाँ एकत्रा हुए कोई चार हजार शिया क्वेटा में सेना की तैनाती की माँग कर रहे थे। लाशों का दफनाने में पहले बड़ी संख्या में महिलाएँ कब्रों पर जा कर लेट गयीं और लाशों को दफनाने से इन्कार कर दिया। तब सरकार की ओर से इन्हें समझा-बुझाकर इस दहशतगर्द संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश देने का भरोसा दिया था। इससे पहले १फरवरी को पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी इलाके खैब पख्तूनख्वा प्रान्त स्थित हांगु शहर में नमाज के बाद मस्जिद से बाहर निकल रहे लोगों के बीच आत्मघाती विस्फोट किया ,जिसमें २२ लोग मौके पर मारे गए और ४० घायल हो गए।हांगू में शियाओं की काफी आबादी है।यहाँ पिछले कुछ सालों में कई बार जातीय हमले हो चुके हैं। इससे भी पहले १०जनवरी को क्वेटा में ही शिया हजारा समुदाय को निशाना बना कर किये गए। विस्फोटों में ९२ लोगों की जानें गयी थीं। इसके एक दिन पहले पेशावर में ‘सिपह-ए-सिहबा' ने प्रसिद्ध शिया डॉक्टर को मार डाला। इससे दस दिन पहले ३० दिसम्बर को क्वेटा के निकट मस्तुंग २० शिया जायरीन को सामूहिक रूप से मार डाला गया। इसकी जिम्मेदारी ‘जैश-ए-इस्लाम' ने ली थी। इससे पहले २२नवम्बर को रावलपिण्डी में २३ शियाओं की एक साथ हत्या कर दी ,जिसकी जिम्मेदारी ‘पाकिस्तानी तालिबानी' ने ली थी। उस समय उसके प्रवक्ता ने कहा था,’’ शिया लोग काफिर और मजहब विरोधी हैं। हम उन पर हमले करते रहेंगे।''इस तरह पाकिस्तान में कई कट्टर मजहबी दहशतगर्दों का संगठन है जो लगातार शियाओं के सफाये में जुटे हैं।इस बारे में बलूचिस्तान के शिया नेता सैयद दाउद आगा का कहना है कि इम कब्र खोदने वाले समुदाय बन कर रह गए हैं।
गृहमंत्राी के हुकूम का असर हुआ। इसके कारण पंजाब प्रान्त के दक्षिण भाग में गत २२फरवरी को पुलिस ने रहीमयार जिले से एलईजे के सरगना मलिक इशाक को गिरफ्तार किया। पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि ,’’एलईजे और ‘लश्कर-ए-सहबा'(एसएसपी)के ५०से अधिक दहशतगर्दों का अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया है।
इसके बाद भी शियाओं पर सिलसिला थमा नहीं। पाकिस्तान की औद्योगिक राजधानी कराची ३मार्च को अब्बास कस्बे के इमामबाड़े के बाहर दस मिनट के अन्तराल पर हुए दो धमाकों में ४८लोग मारे गए और १४०घायल हो गए। इसमें पहले हमले का एक आत्मघाती ने अंजाम दिया था। इन धमाकों से कई रिहायसी इमारतें और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। यूँ तो पाकिस्तान और उसके बाहर दूसरों मुल्कों में भी महफूज नहीं हैं, किन्तु क्वेटा में शिया हजारा समुदाय का वजूद ही खतरे में पड़ हुआ है। दुनिया में शिया बहुल मुल्क ईरान है जहाँ उनकी ही हुकूमत है। इसके अलावा इराक और बहरीन भी शिया बहुल हैं फिर भी इनकी सत्ता पर सुन्नी ही काबिज रहे। अब अमरीका के दखल के बाद सद्दाम हुसैन के मरने के बाद शिया सत्ता में तो आ गए है लेकिन सुन्नी आतंकवादी शियाओं पर आये दिन हमले करते रहते हैं। इसी ८फरवरी को बगदाद के शिया बहुल इलाके के दो बाजारों में चार कार बम विस्फोट में किये जिनमें ३१ लोगों की मौत हो गयी तथा दर्जनों घायल हो गए। सुन्नी दहशतगर्दों द्वारा ये हमले शिया नीत सरकार को कमजोर करने और साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए किये जा रहे हैं। बहरीन में सुन्नी खलीफा का कठोर शासन है। हाल में वहाँ जम्हूरियत की माँग करने वाले शियाओं गोलियाँ चलायी गयीं और कई को अदालत ने मौत की सजा दी। केवल जुलूस निकाल कर न्याय की आवाज उठाने के लिए। बहरीन पुलिस ने शियाओं की मस्जिदें, हुसैनियाँ और मजहबी जगहों को तोड़कर जमींदोज कर दिया है। पिछले कुछ सालों में तालिबान ने पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई और अमरीकी ड्रोन हमलों के बाद सरकारी और सैन्य ठिकानों पर हमले कम कर अल्पसंख्यक शिया समुदाय को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया ह। लश्कर -ए-झांगवी खासकर शियाओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। इनमें जायरीनों की हत्याएँ करने से भी दहशतगर्दों को गुरेज नहीं है और न ही अपने खुदा कहर का। यहाँ तक कि मानवाधिकारों के पैरोंकारों की भी नजर इन दहशतगर्दों पर नहीं जातीं। पाकिस्तान और अरब क्षेत्रा में जमींदोज किये जाने वाली मस्जिदों पर मौलवियों, इमामों की चुप्पी पर अचम्भा जरूर होता ।क्या शियाओं की मस्जिद खुदा का घर नहीं होती ? इन सब की चुप्पी यह दर्शाता है कि यह सब शियाओं को मिटाने पर तुले हैं।
सम्पर्क-डॉ.बचन सिंह सिकरवार
६३ब,गाँधी नगर ,आगरा-२८२००३ मो.न.९४११६८४०५४
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