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मार्च, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अमेरिका का चीन को सही जवाब

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  डॉ.बचन सिंह सिकरवार  अन्ततः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर चीन के घोर विरोध के बाद भी तिब्बत से सम्बन्धित विधेयक पर हस्ताक्षर करके उसे जता दिया, वह उसका पड़ोसी देश भारत और दुनिया कोई दूसरा मुल्क नहीं है, जो अपनी कुछ मजबूरियों की वजह से उसकी मनमानी को बर्दाश्त करते-रहते हैं। अमेरिका उसकी मनमानी  का जवाब उसके ही तौर-तरीकों से देने की सामर्थ्य रखता है, भले ही उसका कोई परिणाम निकले। इससे पहले अमेरिका और चीन के बीच कोरोबारी जंग जारी है जिसका इन दोनों देशों के कोरोबारी  ही नहीं, राजनयिक रिश्तों में भी खटास आयी है। अमेरिका चीन बहुत बड़ा आयातक देश है, इससे उसके निर्यात में बहुत कमी आयी है। अब तिब्बत से सम्बन्धित इस कानून के बनने के बाद अमेरिका  चीन के उन अधिकारियों को अपने यहाँ आने के लिए वीजा देने पर रोक लगा सकता है, जो उसके नागरिकों, सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों को बौद्धों के निर्वासित आध्यात्मिक धर्म गुरु दलाई लामा के गृह प्रान्त तिब्बत जाने की अनुमति नहीं देते हैं। तिब्बत से जुड़े इस विधेयक पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हस्ताक्षर किये जा...

असल खतरा मुल्क के गद्दारों से हैं

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डॉ.बचन सिंह सिकरवार  गत दिनों जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के केन्द्रीय अरक्षित पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) के काफिले पर आत्मघाती हमले में कोई 40 जवानों के मारे जाने तथा इतने घायल होने की  घटना से पूरा देश स्तब्ध और भारी गुस्से मे हैं और उसका तत्काल प्रतिकार भी लेना चाहता है।जनभावना को देखते हुए अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेना कोई भी कार्रवाई करने की छूट देने के साथ पाकिस्तान के साथ व्यापारिक सहूलियतों में कटौती कर दी है। वैसे इस घटना से एक बार फिर साबित हो गया,कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था उतनी चाक-चौबन्ध/अभेद्य नहीं है, जैसी इस दहशतगर्दों से भरे सूबे में होने चाहिए। कोई कुछ भी कहे यह दुर्भाग्य हमारी सुरक्षा व्यवस्था में  बड़ी चूक से घटी है। वैसे जब गुप्तचर एजेसिंयाँ ने दहशतगर्दों द्वारा इस वारदात करने की  आशंका जतायी थी, तब उसके मुताबिक  सतर्कता-सावधानी क्यों नहीं बरती गई? अगर ऐसा किया होता, तो दहशतगर्द न इतना विस्फोट इकट्ठा कर पाता और न काफिले के पास ही फटक पाता। उसके साथ ही दूसरे दहशतगर्द काफिले पर गोलीबारी कर...

मुलायम सिंह यादव ने यह क्या कह दिया?

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डॉ.बचन सिंह सिकरवार    हाल में सोलहवीं लोकसभा के अन्तिम सत्र में संसद में समाजवादी पार्टी(सपा) के संस्थापक/संरक्षक और उ.प्र.के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ में कसीदे काढ़ते हुए जिस तरह विपक्ष के आगामी लोकसभा चुनाव के बाद  अल्पमत होने के चलते फिर से प्रधानमंत्री बनने की कामना की , उसकी उम्मीद सपने मंे भी खुद नरेन्द्र मोदी और भाजपा को तो बहुत दूर, उनकी अपनी पार्टी सपा समेत किसी भी विपक्षी दल को नहीं होगी। श्री यादव के इस कथन से उनके बगल में बैठीं काँग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गाँधी तो एकदम हतप्रभ और अवाक् रह गईं। फिर एकटक मुलायम को देखने लगीं। तब उनके हावभाव देखने लायक थे। उसके बाद सोनिया गाँधी पीछे मुड़कर अपने और विपक्ष के सांसदों के चेहरे के भाव पढ़ने की कोशिश करने लगी। शायद वह उनकी भी प्रतिक्रिया जानना चाहती थीं। लेकिन उनकी तरह दूसरे दलों के सांसदों को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था, ऐसी हालत में वे क्या करें या न करें? इन सबके विपरीत सत्ता पक्ष के सांसद मेजें थपथपा कर प्रसन्नता व्यक्त कर रहे थे। अब विपक्षी नेता और राजनीति व...

अब लोकतंत्र बन गया है उनके लिए भ्रष्टाचार तंत्र

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   डॉ.बचन सिंह सिकरवार    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सारधा चिटफण्ड घोटाले की जाँच को सी.बी.आई. के अधिकारियों के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के आवास पर पूछताछ को पहुँचने पर जैसा उग्र विरोध जताते हुए केन्द्र सरकार पर संविधान, लोकतंत्र, संघीय ढाँचे को आघात पहुँचाने के जो अगम्भीर आरोप लगाये हैं और जिनका देश के एक-दूसरे के धुर विरोधी राजनीतिक दलों ने खुलकर अन्ध समर्थन किया, उससे देश के लोग हतप्रभ ही नहीं, उन्हें ममता बनर्जी समेत सियासी दलों की अपने  भ्रष्टाचार के बचाव में गढ़ी संविधान, लोकतंत्र, संघीय ढाँचे से छेड़ने की उनकी नयी परिभाषा पर भी बहुत आश्चर्य हो रहा है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि जहाँ एक अदने से सिपाही, लेखपाल(पटवारी), पतरोल,चपरासी के सौ-दो सौ से लेकर हजार-पाँच सौ रुपए की रिश्वत लेने पर पकड़े जाने पर जेल, वहीं करोड़ों -अरबों की लूट की सिर्फ जाँच संविधान, लोकतंत्र की हत्या तथा संघीय ढाँचे से छेड़छाड़ कैसे हो गई? अगर आप सचमुच  संविधान, लोकतंत्र, संघीय ढाँचे के विपरीत आचरण करने के आरोप से जुड़ी परिभाषा सम...

दुराग्राही प्रमाण माँगने वाले

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 डॉ.बचन सिंह सिकरवार    गत दिनों जब से भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित ’जैश-ए-मुहम्मद’ के अड्डे पर सर्जिकल स्ट्राइक कर उसे तबाह कर दिया,तब से अबतक उसकी कामयाबी को लोकसभा के चुनाव में भुनाने न देने को लेकर विपक्ष केन्द्र सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगाने के साथ-साथ उस कार्रवाई के सुबूत माँग कर वायुसेना की सफलता को झूठलाने की लगातार जैसी कोशिशें कर रहा हैं, उसे देखकर देश की जनता को  अत्यन्त वेदना हो रही है। उसे व्यक्त कर पाना हर किसी के लिए सम्भव नहीं है। फिर भी इससे बेपरवाह विपक्षी नेता बराबर सेना की क्षमता और उसकी सफलता पर सवाल खड़े कर रहा है। अप्रत्यक्ष रूप से वह सेना पर देश की सुरक्षा के लिए नहीं, केन्द्र सरकार के चुनावी लाभ को दृष्टिगत रख पाक और आतंकवादियों पर हमलावर कार्रवाई करने की ओर इशारा कर रहा है।  ऐसे में  देश के लोगों के लिए पाकिस्तान के राजनेताओं और काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी और उसके दूसरे नेताओं के बयानों में फर्क कर पाना मुश्किल हो रहा है। हालाँकि अब पाकिस्तान के एक वीडियो में एक पाकिस्तानी सेना का अधिकारी...

अद्भुत अपूर्व अनुभूति है कुम्भ स्नान

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                                         राधेबाबू अपने देश के अलग-अलग क्षेत्रों में हरिद्वार, प्रयागराज(इलाहाबाद) में गंगा,उज्जैन में क्षिप्रा, नासिक में कावेरी पर हर छह वर्ष पश्चात् बारी-बारी से अर्द्ध कुम्भ तथा 12साल बाद पूर्ण कुम्भ लगता है, जिसमें स्नान कर पुण्य प्राप्त करने की अभिलाषा हर हिन्दू की होती है।कुम्भ के बारे में एक अत्यन्त महवपूर्ण पौराणिक कथा जुड़ी है जिसके अनुसार एक बार समुन्द्र मन्थन हुआ। इसमें सुर और असुर सम्मिलित थे।इस मन्थन में अनेक रत्न निकले। इसमें अमृत कलश भी निकला। इस पाने के लिए सुर और असुर में संघर्ष छिड़ गया। इस कलश से जहाँ-जहाँ अमृत छलक कर गिरा वहाँ-वहाँ वर्तमान में कुम्भ का आयोजन किया जाता है।    हिन्दू होने के नाते मेरे मन में कुम्भ स्नान करने की सदैव से इच्छा रही है,लेकिन इसे पूरा करने का अवसर गत 15फरवरी, 2019 को आया। उस दिन प्रातः 6बजे मैं अपने कमला नगर, आगरा स्थित आवास से अपनी पत्नी सुमनदेवी, पुत्र हिमांशु उसकी पत्नी संचेता, नाति...