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किसके हैं ये मानवाधिकार ?

डॉ. बचन सिंह सिकरवार   जम्मू-कश्मीर   के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा गत दिनों सोपोर में एक मस्जिद में आतंकवादियों द्वारा एक युवक की हत्या किये जाने के बाद भी विधानसभा में उन लोगों के शान्त रहने पर फटकारा जाना सर्वथा उचित और सामयिक है जो प्रदर्शन या उपद्रवों अथवा घुसपैठियों के धोखे में सेना और सुरक्षा बलों की गोली से किसी के शिकार   होने पर सड़कों से लेकर विधानसभा में अच्चान्ति फैलाने , तोड़फोड़ और हिंसा करने से बाज   नहीं आते। यही नहीं , इन पर न जाने उन पर कहाँ-कहाँ की तोहमतें लगाते नहीं थकते। लेकिन यही लोग पाकिस्तान परस्त और अलगाववादियों की बड़ी से बड़ी हिंसक वरदातों पर चुप बने रहते हैं। इन्हें उनके द्वारा इबादतगाहों(मस्जिदों या दरगाहों) के जलाये जाने से लेकर इबादत(नमाज पढ़ते) करते हुए बेकसूर लोगों की जान लेने पर भी कभी कोई गिला-च्चिकवा नहीं रही है। उनके द्वारा खून बहाये जाने पर इन्हें उनकी दरिन्दगी में कतई मानवाधिका...