पाकिस्तान की दहशतगर्दी के खिलाफ यह कैसी जंग?

डॉक्टर बचन सिंह सिकरवार पाकिस्तान सरकार के आतंकवाद के खिलाफ तथाकथित जंग के लड़ते अचानक स्वात घाटी में तालिबानों के संगठन ‘ तहरीक - ए-निफाज-ए-शरीया-ए-मुहम्मदी '( इस्लामी कानून लागू करने की मुहिम-टी.एन.एस.एम.)के सरगना सूफी मुहम्मद साथ समझौता किये जाने से दुनिया के उन लोगों को जरूर हैरानी होगी , जो उससे अमरीका के निरन्तर दबाव के चलते अपने मुल्क के मजहबी दहशतगर्दों के सफाये की उम्मीद लगाये हुए थे। यह समझौता पाकिस्तान में तालिबान के बढ़ते असर को ही दर्शाता है। पाकिस्तान की सेना ने अपनी मुहिम छोड़ यहाँ युद्धविराम भी घोषित कर दिया है। यह समझौता ऐसे वक्त हुआ है , जब अमरीका राष्ट्रपति के विशेष दूत रिचर्ड होलब्रुक उपमहाद्वीप की यात्राा पर थे और पाकिस्तान सरकार पर ‘ तालिबान ' और ‘ अलकायदा ' के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के लिए दबाव डाला जा रहा था। लेकिन आतंक के खिलाफ अमरीका की ‘ वैश्विक युद्ध ' का सबसे बड़ा और अहम मददगार पाकिस्तान ने दहशतगर्दों से ही हाथ मिला लिया है। इससे पाकिस्तानी सरकार की कमजोरी ...