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इस नाजायज तिजारत पर चुप्पी कैसी?

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डॉ.बचन सिंह सिकरवा हाल में हैदराबाद में एक फिर तीन अरब शेखों तथा काजी समेत पाँच और लोगों को  नाबालिग युवतियों को खरीद कर उनसे निकाह करने के आरोप में गिरफ्तार किये जाने की घटना हम सभी भारतीयों के लिए बेहद शर्मनाक है, जहाँ माँ-बाप अपनी मुफलिसी (गरीबी) के चलते उम्रदराज अय्याश शेखों को बहुत ही मामूली रकम में अपनी बेटियों को बेचने को मजबूर हैं। सालों से साल से चले आ रहे इस गैरकानूनी और अमानवीय कृत्य की अब भी  किसी सियासी पार्टी ने अल्पसंख्यक वोट बैंक के फेर में  खुलकर आलोचना नहीं की है, धिक्कार ऐसी सियासत को। हैदराबाद में  पकड़े गए इन लोगों में एक 75 वर्षीय  ओमानी नागरिक अब्दुल्ला मुबारक भी शामिल है, जो इससे पहले वह दस निकाह कर चुका है।  इससे कुछ दिनों ही पहले इसी शहर से खाड़ी मुल्कों के 70साल से ज्यादा के उम्रदराज 8 नागरिकों को पकड़ा गया, इनमें 5 ओमानी तथा 3 कतर के थे। ये बुजर्ग अपने को चुस्त-दुरुस्त रखने को शक्तिवर्द्धक इंजेक्शन लगवाया करते थे। पुलिस ने इन नाबालिग लड़कियों की खरीद -फरोख्त   कर  निकाह करने वाले मुम्बई के मुख्य काजी समेत तीन का...

शिक्षा मन्दिरों में बढ़ती अराजकता और संवेदनहीनता

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MkW-cpu flag fldjokj डॉ.बचन सिंह सिकरवार गत दिनों देश के प्रख्यात बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में लगातार छात्राओं के साथ छेड़छाड/हर तरक की बदसलूकी़, उनकी शिकायत की सुनवायी न होना, आक्रोशित छात्रों द्वारा नारेबाजी, धरना-प्रदर्शन, आगजनी, मारपीट, लाठीचार्ज, उग्र आन्दोलन, छात्रावासों को खाली कराये जाने और विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े  छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों द्वारा जैसी ओछी राजनीति के माध्यम से अशान्ति भड़काने की कोशिशें की र्गइं, वह अत्यन्त क्षोभ और चिन्ताजनक हैं।  वैसे इन तमाम घटनाओं के लिए कहीं न कहीं इस विश्वविद्यालय के कुलपति समेत प्रशासन से जुड़े लोग जिम्मेदार रहे हैं जो अब वहाँ के आयुक्त और जिला प्रशासन की प्रारम्भिक रपट से भी स्पष्ट है। इन्होंने छात्राओं की छेड़छाड़ की शिकायत पर  आवश्यक कदम समय से  नहीं उठाये। यहाँ तक कि उनके धरने पर जाकर शिकायत सुनना भी जरूरी नहीं समझा। इस कारण छात्र-छात्राओं का आक्रोशित होना स्वाभाविक है। ऐसे में बाहरी तŸवों को उन्हें भड़काने को जिम्मेदारी ठहराना कहाँ तक उचित है? आखिर यह मौका तो इन लोगों ने ही तो दिया। क्षोभ की बात यह है...